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प्रमुख उपलब्धियां

प्रमुख उपलब्धियां

बहुत की कम समय में आवास बंधु ने काफी लंबी यात्रा तय कर ली है एवं सरकारी कार्यालयों एवं संगठनों/संस्थाओं में कार्य करने के मानकों को निर्धारित करने हेतु आगे भी कार्य करता रहेगा। आवासीय सेक्टर में हमारी प्रमुख उपलब्धियां निम्नांकित हैं:-

1. हाई-टेक टाउनशिप:

विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं, उच्च गुणवत्त की जीवन शैली, कार्य एवं मनोरंजक परिस्थितियां जो प्रमुख रूप से नियमित इस्तेमाल के लिए उचित हों एवं अत्याधिक उच्चतम तकनीक एवं ज्ञान आधारित गतिविधियों से परिपूर्ण आधुनिक स्टेट ऑफ द आर्ट टाउनशिप को विकसित करने की नीति को बनाना।

हाई-टेक टाउनशिप का उद्देश्य:

  • प्रतिस्पर्धात्मक हाई-टेक बाजार उन्मुख ईस्टेट को विकसित करना जिसमे उच्च गुणवत्ता जीवनशैली, कार्य एवं मनोरंजन को प्राथमिकता दी गई हो।
  • उच्च तकनीक एवं ज्ञान आधारित उद्योग एवं पर्यटन को बढ़ावा देना एवं आधुनिक तकनीक में संलिप्त उद्योग एवं व्यापार संगठनों एवं संस्थाओं हेतु सुविधाएं प्रदान करना।
  • आवासीय एवं इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में अधिकतम निजी निवेश को आकर्षित करने हेतु अनुकूल माहौल को सृजित करना एवं सुविधाजनक बनाना।
  • राज्य अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में निजी निवेश को समर्थन प्रदान करना एवं बढ़ावा देना।

निजी निवेश संवर्धन पैकेज में निम्न घटक समावित हैं:-

  • 10% भूमि अधिग्रहण शुल्क में छूट देना।
  • भूमि मालिकों से सीधे जमीन खरीदने के लिए डेवेलपर कंपनी को स्वत्वाधिकार प्राप्त है।
  • भूमि की शुरुआती खरीद एवं हस्तांतरण से स्टैंप ड्यूटी में छूट।
  • 30 दिन के अंदर पूरी परियोजना हेतु एकल विंडो क्लियरेंस।
  • डेवेलपर कंपनी (डीसी) द्वारा आंतरिक एवं बाहरी विकास।
  • सेवाओं के हस्तांतरण तक आवंटियों से रखरखाव शुल्क को डीसी द्वारा वसूला जाएगा।
  • स्थानीय निकायों को सभी सेवाओं के हस्तांतरण तक नगरपालिका करों में छूट।
  • विकसित स्टॉक के मूल्य निर्धारण और विपणन में स्वायत्तता।

2- मॉडल बिल्डिंग उप-नियम

विभिन्न विकास प्राधिकरण विभिन्न निम्न प्रकार के बिल्डिंग नियमों का पालन कर रहे हैं जिन्हे आर.बी.ओ. अधिनियम 1958, राष्ट्रीय बिल्डिंग कोड एवं प्रथक प्राधिकरणों द्वारा स्थानीय स्तर पर सृजित उप-नियमों से लिया गया है। आवास बंधु ने प्रथम बार विकास प्राधिकरणों हेतु सरल मॉडल बिल्डिंग कोड को तैयार किया है जो “मॉडल बिल्डिंग एण्ड डेवलपमेंट बाय-लॉज, 2000” कहलाता है। नया ब्लिडिंग कोड राज्य में निर्माण एवं ब्लिडिंग परमिट पाने के लिए नियमित प्रक्रिया को निर्धारित करता है एवं समय-समय पर सभी शासनादेशों के माध्यम से संशोधनों को क्रियान्वयन करता है। भारत में प्रथम बार, योजना स्वीकृति अधिकारों को निजी पंजीकृत वास्तुकारों को विकेंद्रित किया गया है।

3- दिव्यांगजनों के लिए प्रावधान

दिव्यांगजनों के लिए विशेष प्रावधान बनाए गए हैं, जैसे:-

बिल्डिंग उपनियम- रैंप का प्रावधान, लिफ्ट में हैंडरेल्स, विशेष प्रसाधन प्रावधान, पार्किंग आदि।

आवंटन- आवासीय परिषद एवं विकास प्राधिकरणों द्वारा विकसित प्लॉट या घरों के आवंटन में शारीरिक दिव्यांगजन हेतु आरक्षण एवं बहुमंजिला आवासीय इमारतों में भूतल आवंटन के चयन हेतु आरक्षण।

4- बिल्डिंग परमिट प्रक्रिया का सरलीकरण

क) शहरों के पुराने निर्मित क्षेत्रों में 100 वर्गमीटर तक प्लॉट पर ब्लिडिंग परमिट पाने हेतु आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है।

ख) विकास प्राधिकरणों/आवासीय एवं विकास परिषद से 100-300 वर्ग मीटर के प्लाट पर बिल्डिंग प्लान हेतु किसी औपचारिक स्वीकृति की आवश्यकता नही है। प्रस्तावित बिल्डिंग प्लान मास्टर प्लान/बिल्डिंग उप-नियमों के प्रावधनों के अनुपालन में होना चाहिए एवं तद्नुसार पंजीकृत वास्तुकार द्वारा प्रमाणित होना चाहिए।

ग) प्लान जमा करने से 30 दिनों के भीतर यदि 300 वर्ग मीटर प्लॉट एरिया से अधिक का आवासीय प्लान रद्द नही किया जाता है तो उसे स्वीकृत माना जाएगा।

घ) प्लान जमा करने से 90 दिनों के भीतर यदि सामूहिक आवासीय एवं व्यावसायिक बिल्डिंग प्लान रद्द नहीं किया जाता है तो उसे स्वीकृत माना जाएगा।

ड) विकास प्राधिकरणों के लिए यह अनिवार्य है कि वह आवेदक को बिल्डिंग/डेवलपमेंट परमिट प्राप्त कराते समय विभिन्न विकास एवं अन्य देय शुल्कों के संदर्भ में कैलकुलेशन-मेमो निर्गत कराएं।

च) बिल्डिंग परमिट की वैधता को तीन वर्ष से पांच वर्ष बढ़ाया गया है।

5-ज़ोनिंग विनियम

मास्टर प्लान एरिया के भीतर किसी भी प्रमुख भूमि उपयोग में किसी गतिविधि की अनुमति के संबंध में नियामक प्रावधानों को जानने के लिए मांग उन्मुख और उपयोगकर्ता के अनुकूल मैट्रिक्स, अवस बंधु द्वारा तैयार किया गया है, जो भारत में अपने तरह का पहला कदम है। इन नियमों के अधीन शुल्क (प्रभाव [इंपैक्ट] शुल्क) की गणना के लिए एक साधारण मैट्रिक्स भी तैयार किया गया है।

6- बाढ़ प्रबंधन

आवास बंधु ने भारत में निम्न प्रावधानों को प्रदान कर कुछ प्रमुख अग्रणी पहल करी हैं:

भारतीय मानक ब्यूरों के मानदंडों के अनुसार प्लान स्वीकृति में भूकंप प्रतिरोधक निर्माण हेतु सुरक्षा मानकों के संबंध में उत्तर प्रदेश में कानूनी प्रावधान,

बहु-मंजिला एवं बड़ी इमारतों के डिजाइन एवं निर्माण हेतु स्ट्रक्चरल अभियंताओं की भागीदारी हेतु अनिवार्य प्रावधान (मेंडेटरी प्रावधान) एवं स्ट्रक्चरल अभियंताओं के माध्यम से ऐसी इमारतों का समापन प्रमाण-पत्र एवं,

इमारत निर्माण में जनता की सुरक्षा सावधानियों हेतु सुझाव प्रावधान (सजेस्टरी प्रावधान) एवं बहुमंजिला इमारत में फ्लैट खरीदने हेतु निर्देश एवं व्यक्तिगत आपदा तत्परता योजना।

7- वर्षा जल संचयन

नगरीय क्षेत्रों में भूमिगत जल के घटते स्तर की समस्या के समाधान के लिए लेआउट प्लान एवं बिल्डिंग प्लान हेतु उपनियमों में नियामक प्रावधान। इस संदर्भ में जनता को जागरुक करने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत भी करी गई है।

8- लो राइज़ एवं हाई राइज़ ज़ोनिंग –

शहरों की स्काईलाइन के रखरखाव हेतु नियामक प्रावधान, हेरीटेज क्षेत्रों का संरक्षण, ज़ोनिंग की नई तकनीक द्वारा पर्यावरण को सुरक्षित बनाना।

9- इंफ्रास्ट्रक्चर डेवसलपमेंट फंड

सभी विकास प्राधिकरणों एवं आवासीय एवं विकास परिषदों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड का प्रावधान बनाया गया है। चिन्हित स्त्रोतों से आय का प्रतिशत निर्धारित किया गया है, जो नियमित रूप से इस फंड में जमा होता है, जिससे इन प्राधिकरणों का इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे रोड, ड्रेनेज, सीवरेज, जलापूर्ति एवं पार्कों के विकास आदि के प्रति योगदान का आकलन किया जा सके।

10- इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं हेतु ब्लू प्रिंट

विभिन्न विभाग जो किसी शहर/टाउन की विकसशील गतिविधियों में संलिप्त हैं वे परियोजनाओं की द्वैधता, समन्वय में कमी, योजनाओं की ओवरलैपिंग को अप्रत्क्ष रूप से बढ़ावा देता है। इस समस्या के निवारण के लिए “इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं हेतु ब्लू प्रिंट” की नई अवधारणा को सृजित किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप सभी विभागों को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जा सके एवं निवेश राशी का सकारात्मक एवं अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त क्रियान्वयन एजेंसियों से सरकार तक डाटा के वितरण एवं अनुश्रवण हेतु व्यापक सॉफ्टवेयर एवं सार्वजनिक सुविधा हेतु वेबसाइट का सृजन भी सफलतापूर्वक किया गया है। योजनाओं के नियोजन एवं क्रियान्वयन हेतु योजना के निष्पादन आधारित प्रभावी मेकेनिज्म तैयार किया गया है।

11- ई-गवर्नेंस

आवास बंधु उत्तर प्रदेश के राजकीय/अर्ध-राजकीय सेक्टर में प्रथम पूर्ण रूप से कंप्यूटरीकृत कार्यालय बना है एवं राज्य में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में आगे बढ़ता जा रहा है। आवास बंधु द्वारा इस क्षेत्र में विभिन्न सॉफ्टवेयर एवं निर्देश तैयार किये गए हैं:-

क. सॉफ्टवेयर:

प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस)- विकास प्राधिकरणों की समग्र प्रगति रिपोर्ट का आकलन करने हेतु एवं निर्णय लेने के संबंध में।

कर्मचारी सूचना प्रणाली (पीआईएस) – मानव संसाधन का डाटा बैंक तैयार करना जो सरकार के अधीनस्थ किसी भी विभाग द्वारा इस्तेमाल किया जा सके।

पुस्तकालय प्रणाली- उचित किताबों, जर्नल, लेखों को खोजना एवं पुस्तकालय में उनकी उपलब्धता को सुनिश्चित करना जिससे राज्य के प्रत्येक आवासीय सेक्टर के कर्मचारी द्वारा इसका इस्तेमाल किय जा सके।

इंफ्रास्ट्रक्चर विकास हेतु ब्लू प्रिंट – उत्तर प्रदेश के 22 प्रमुख शहरों की प्रत्येक विभाग द्वारा क्रियान्वित योजनाओं की प्रगति समीक्षा देखने हेतु एवं ऑनलाइन डाटा ट्रांसमिशन के संबंध में।

समन्वित एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पैकेज (आईएएसपी) का क्रियान्वयन – विकास प्राधिकरणों एवं आवासीय परिषद के विभिन्न कार्यों को आसान, पारदर्शी एवं त्वरित बनाना। आईएएसपी की आवास बंधु द्वारा कल्पना की गई है, जो इस क्षेत्र की विभिन्न एजेंसियों/विभागों को ‘सिंगल डिजिटल अंब्रेला’ के तहत लाएगा।

ख- दिशानिर्देश:

कंप्यूटर जागरुकता नीति
इस युग की सबसे अहम जरूरत अर्थात कंप्यूटर जागरुकता को पूरा करना, कंप्यूटर प्रशिक्षण एवं मूल ज्ञान प्रदान करने हेतु एक नीति का निर्धारण किया गया है, जिससे आवासीय सेक्टर में प्रत्येक आधिकारिक कार्यों हेतु सूचना तकनीक की इस आधुनिक प्रणाली का इस्तेमाल किया जा सके। इस तकनीक को सबसे कम समय में समझने के लिए आवास बंधु द्वारा आसान पाठ्यक्रम स्ट्रक्चर को तैयार किया गया है।

हार्डवेयर मानकीकरण नीति
कार्य की मात्रा एवं रिकॉर्ड/कार्यों की भिन्नता के आधार पर, आवास बंधु द्वारा दिशानिर्देश निर्गत किये गए हैं, जिससे कंप्यूटर हार्डवेयर का क्रय एवं इन मशीनों के बेहतर इस्तेमाल हेतु रखरखाव किया जा सके।

डिजिटल सिग्नेचर जागरुकता नीति
डिजिटल सिग्नेचर के उचित उपयोग के उद्देश्य से दिशानिर्देश एवं डिजिटल सिग्नेचर के आवंटन हेतु प्रत्येक प्राधिकरण में अधिकारियों को नामित किये जान की संख्या को आवास बंधु द्वारा निर्गत किया गया है।